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सोयाबीन की खेती कैसे करे। Soyabean Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

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सोयाबीन की खेती कैसे करे। Soyabean Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

Soyabean Ki Kheti Kaise - सोयाबीन की खेती की जानकारी के लिए आप को पहले Soyabean Rice और Soyabean Recipe जानना बहुत जरुरी है। आज की इस पोस्ट में हम बतायेगे की Soyabean ki kheti kaise ki jati hai, Soyabean ki kheti kab hoti hai, Soybean information in hindi की जानकारी मिलने वाली है तो आप बने रहे हमारे साथ Kheti Business पर।

Soyabean Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
Soyabean Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

सोयाबीन की खेती मैदानी क्षेत्रों में अभी हाल में ही कुछ वर्षो से शुरू हुई है। इसमे 40 से 50 प्रतिशत प्रोटीन तथा 20 से 22 प्रतिशत तक तेल की मात्रा पाई जाती है। इसके प्रयोग से शरीर को प्रचुर मात्रा में प्रोटीन मिलती है। प्रदेश के बुंदेलखंड के सभी जनपदों एवम बदाऊ, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, मेरठ आदि जिलो में इसकी खेती सफलतापूर्वक की जाती है।

Soyabean Ki Kheti के लिए जलवायु और भूमि

सोयाबीन की खेती के लिए किस प्रकार की जलवायु और भूमि की आवश्यकता होती है?

सोयाबीन की खेती के लिए गर्म तथा तर जलवायु होना चाहिए। इसकी खेती लिए सबसे उत्तम भूमि दोमट होती है लेकिन बुंदेलखंड की सभी प्रकार की भूमि में सफलतापूर्वक इसकी खेती की जा सकती है।

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Soyabean की प्रमुख प्रजातियाँ

सोयाबीन की कौन-कौन सी उन्नतशील प्रजातियाँ पाई जाती है ?

इसमे बहुत सी प्रजातियाँ पाई जाती है जैसे की- पी. के. 772, 262, 416, पी. एस. 564, 1024, 1042, जे.एस. 71-5, 93-5, 72-44, 75-46, जे.एस.2, 235, पूसा16, 20 ऍम ए यू एस46 एवं 37 प्रजाति है।

Soyabean Ki खेत की तैयारी

सोयाबीन की फसल उगाने के लिए अपने खेतों की तैयारी हम किस प्रकार करे बताईये ?

Soyabean Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
Soyabean Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

खेत की पहली जुताई गर्मियों में मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी करनी चाहिए जिससे हानिकारक कीड़े-मकोड़े आदि ख़त्म हो जावे और गोबर की सड़ी खाद 100 से 150 कुंतल प्रति हेक्टेयर मिला देनी चाहिए। दो-तीन जुताई कल्टीवेटर से करने के पश्चात खेत को भुरभुरा बना लेना चाहिए।

Soyabean की बीज बुवाई

बुवाई हेतु बीज की मात्रा कितनी निर्धारित होनी चाहिए और बीजो का शोधन हमारे किसान भाई किस प्रकार करे ?

Soyabean Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
Soyabean Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

बुवाई वाले बीज का अंकुरण 75 से 80 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। ऐसे बीज की मात्रा 75 से 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर लगती है। बीजोपचार हेतु बीज को बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम या 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण के मिश्रण से शोधित कर लेना चाहिए या थायोफिनेट मिथायल 1.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से शोधित करना चाहिए जिन खेतों में सोयाबीन की खेती पहली बार या काफी समय बाद बोया जा रहा है वहां पर बीज को राईजोबियम कल्चर से भी उपचारित करना चाहिए। एक पैकेट कल्चर को 10 किलोग्राम बीज के उपचारित या ऊपर से छिड़ककर हाथ से हलके मिलाये जिससे की बीज के ऊपर एक हल्की परत बन जाए एस बीज की बुवाई तुरंत कर देनी चाहिए। तेज धूप से बचाव करना अति आवश्यक है तेज धूप से जीवाणु मरने की आशंका रहती है।

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सोयाबीन की बुवाई का सही समय और विधि क्या है और किस तरह से इस्तेमाल हमारे किसान भाई करे?

मैदानी क्षेत्रों में बुवाई का उचित समय 20 जून से 10 जुलाई तक है बुवाई लाईनों में करनी चाहिए। लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 3 से 5 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। बीज को 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई पर बुवाई करनी चाहिए इसकी बुवाई अधिक गहरी नहीं करनी चाहिए।

Soyabean Ki Kheti का पोषण प्रबंधन

सोयाबीन की फसल में खाद और उर्वरक का प्रयोग हमें कितनी मात्रा में करना चाहिए, कब करना चाहिए और किस प्रकार से करना चाहिए ?

उर्वरको का प्रयोग मृदा परीक्षण की संस्तुतियों के आधार पर किया जाना चाहिए। यदि मृदा परीक्षण नहीं कराया गया है तो उन्नतशील प्रजातियों के लिए नत्रजन 20 किलोग्राम, फास्फोरस 80 किलोग्राम तथा पोटाश 40 किलोग्राम तत्व के रूप में प्रति हेक्टेयर प्रयोग करना चाहिए। खाद की पूरी मात्रा अंतिम जुताई में हल के पीछे 6 से 7 सेंटीमीटर की गहराई पर डालनी चाहिए बुवाई के 30 -35 दिन बाद सोयाबीन के कुछ पौधे उखाड़कर देखना चाहिए की जड़ों में ग्रंथियां बनी है या नहीं यदि ग्रंथियां न बनी हो तो 30 किलोग्राम नत्रजन की मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से फूल आने के एक सप्ताह पहले फसल में डालना चाहिए। 200 किलोग्राम जिप्सम का भी प्रयोग करना चाहिए जिससे उपज अच्छी प्राप्त हो सके।

Soyabean Ki Kheti के लिए जल प्रबंधन

फसल में सिंचाई हमें कब करनी चाहिए उसका सही समय क्या है ?

सोयाबीन की फसल वर्षा पर आधारित है यदि वर्षा न हो तो फूल एवम फली आने पर सिंचाई करना अति आवश्यक है। यदि वर्षा का पानी खेत में अधिक भर जाता है तो पानी को निकलने का प्रबंध करना अति आवश्यक है नहीं तो फसल पर कुप्रभाव पड़ता है इससे पैदावार कम होने की संभावना बढ़ जाती है।

Soyabean Ki Kheti के लिए खरपतवार प्रबंधन

सोयाबीन की निराई-गुडाई और उस पर खरपतवारों का नियंत्रण हमारे किसान भाई किस प्रकार करे ?

सोयाबीन के खेत को निराई-गुडाई करके खरपतवारों से मुक्त रखना चाहिए। पहली बुवाई के 25 दिन बाद दूसरी 45 दिन बाद निराई-गुडाई करनी चाहिए ।  रसायनों का प्रयोग करने के लिए इसकी बुवाई से पहले 24 घंटे के अन्दर फ्लुक्लोरेफिलीन 45 ई.सी. 2.25 लीटर मात्रा को 700 से 800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करके भूमि में मिला देना चाहिए या सोयाबीन की बुवाई के तुरंत बाद एलाक्लोर 50 ई.सी. 4 लीटर अथवा मेटोलाक्लोर 50 ई.सी. 2 लीटर को 700 से 800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करना चाहिए इससे खरपतवारों का जमाव नहीं होता है।

Soyabean Ki Kheti के लिए रोग प्रबंधन

कौन-कौन से रोग लगते है सोयाबीन की फसल में रोगों पर नियंत्रण हम किस तरह से स्थापित करे ?

सोयाबीन में पीला चित्रवर्ण रोग तथा सुत्रक्रमि रोग लगते है। चित्रवर्ण को नियंत्रण हेतु रोग रोधी प्रजातियों की बुवाई करनी चाहिए रोगी पौधों को उखाड़ देना चाहिए या मिथायल ऒ डिमेटान 25 ई.सी 1.25 लीटर 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करना चाहिए या डाईमिथोयेट 30 ई.सी 1 लीटर प्रति हेक्टेयर छिडकाव 1000 लीटर पानी के साथ करना चाहिए। सुत्रक्रमि के नियंत्रण हेतु 10 किलोग्राम फोरेट 10 जी. बुवाई के पूर्व प्रयोग करे अथवा नीम की खाली 15 से 20 कुंतल प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए।

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Soyabean Ki Kheti का कीट प्रबंधन

सोयाबीन की फसल में कौन-कौन से कीट लगने की संभावना होती है और उन पर हम किस तरह से नियंत्रण स्थापित करे ?

सोयाबीन में कई तरह के कीट लगते है जैसे की फली छेदक कीट, ग्रीन सेमीलूप कीट, बिहार सेमी सूंडी, गार्डन बीटल आदि लगते है। इनके नियंत्रण हेतु अवरोधी प्रजातियों को प्रयोग करना चाहिए। रसायनों का प्रयोग करना चाहिए जैसे की क्लोरपयारिफोस 20 ई.सी. 1.5 लीटर या क्युनालफास 25 ई.सी. 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करना चाहिए इससे कीटों का नियंत्रण होता है।

Soyabean की फसल कटाई

सोयाबीन की फसल में कटाई और मड़ाई का सही समय क्या है, कैसे करनी चाहिए ?

सोयाबीन की फलियाँ पककर पूरी तरह से पौधा सहित सूख जावे तभी कटाई करनी चाहिए। इसके पश्चात भी खेत में ही दो-तीन दिन डालकर सूखने पर मड़ाई करनी चाहिए।

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Soyabean की पैदावार

सोयाबीन की फसल में लगभग प्रति हेक्टेयर कितनी उपज प्राप्त होने की संभावना होती है ?
Soyabean Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
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सामान्य रूप से 25 से 30 कुंतल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त होती है लेकिन कुछ ऐसी भी प्रजातियाँ है जिनकी उपज अधिक भी प्राप्त होती है जैसे की पी.के. 472, 416 एवम पी.एस.1024 व् 1042 की पैदावार 30 से 35 कुंतल प्रति हेक्टेयर प्राप्त हो सकती है।

दोस्तों आशा करता हु आप को दी गई जानकारी बहुत पसंद आई होगी। यदि फिर भी कोई समस्या है तो निचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हम जल्द ही जवाब देंगे। 
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