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मेथी की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Methi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

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मेथी की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Methi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi 

Methi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi - नमस्कार प्यारे किसान भाई आज की पोस्ट में मेथी की खेती पर जानकारी शेयर करेंगे। कई बार किसान को पता नहीं होता की Methi Ki Kheti Kab Kare और कैसे करे इस लिए आज हम Methi Ki Kheti Ki Jankari लेकर आए है। Methi Farming और Methi Ki Kheti Karne Ka Tarika जानने के लिए Kheti Business पर बने रहे। 

Mathi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
Mathi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi 

मेथी की खेती पूरे भारतवर्ष में की जाती है, इसका सब्जी में केवल पत्तियों का प्रयोग किया जाता है इसके साथ ही बीजो का प्रयोग मशाले के रूप में किया जाता है। इसकी खेती मुख्यरूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश में की जाती है। मेथी में प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन ए एवं विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। 

Methi  Ki Kheti के लिए उपयुक्त जलवायु और भूमि

मेथी की खेती के लिए किस प्रकार की जलवायु एवं भूमि होनी चाहिए ?

मेथी शरद ऋतु की फसल है, इसका उत्पादन रबी की फसल में किया जाता है, यह अधिक वर्षा वाले स्थानो पर कम उगाई जाती है। मेथी के लिए दोमट एवं बलुई दोमट भूमि सर्वोत्तम होती है, जिसमे जल निकास का उचित प्रबंध होना आवश्यक है, इसकी खेती के लिए भूमि का पी.एच. 6 से 7 होना चाहिए।

मेथी की प्रमख प्रजातियाँ

मेंथी की उन्नतशील प्रजातियां कौन-कौन सी होती है ?

Mathi Ki Kheti
Mathi Ki Kheti

मेंथी की उन्नतशील प्रजातियां जैसे कि पूसा अर्ली बंचिंग, कसूरी मेंथी, लेम सेलेक्सन1, राजेंद्र क्रांति, हिसार सोनाली, पंत रागनी, एम् एच-103, सी.ओ-1, आर.ऍम टी-1 एवं आर.ऍम टी-143 आदि है।

मेथी के लिए खेत की तैयारी


मेंथी की खेती हेतु खेत की तैयारी किस प्रकार से करनी चाहिए ?

Mathi Ki Kheti
Mathi Ki Kheti

खेत की तैयारी में पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करने के बाद, दो-तीन जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से करके, खेत में पाटा लगाकर समतल एवं भुरभुरा बना लेना चाहिए। खेत की आख़िरी जुताई में 100 से 150 कुंतल प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी गोबर की खाद को मिला देना चाहिए।

मेथी की बीज बुवाई

मेंथी की बुवाई में बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर कितनी लगती है तथा बीज शोधन किस प्रकार से करना चाहिए ?

मेथी की बुवाई में 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज लगता है, कसूरी मेंथी की बुवाई में मात्र 20 किलोग्राम ही बीज प्रति हेक्टेयर लगता है। बीजशोधन थीरम 3 ग्राम प्रति किलोग्राम या बेविस्टीन 2 ग्राम या सेरोसेन या केप्टान 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज को शोधित कर बुवाई करनी चाहिए। 

मेंथी की बुवाई किस समय तथा किस विधि से करना चाहिए ?

मेंथी की बुवाई सितम्बर से अक्टूबर तक की जाती है, फिर भी देर होने पर नवम्बर के दूसरे सप्ताह तक की जा सकती है। इसकी बुवाई छिटकवा विधि से भी की जाती है, लेकिन बुवाई लाइनो में ही करनी चाहिए, लाइन से लाइन की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर एवं पौधे से पौधे की दूरी 5 से 10 सेंटीमीटर रखनी चाहिए।

Methi Ki Kheti का पोषण प्रबंधन

मेथी की खेती में खाद एवं उर्वरको की मात्रा प्रति हेक्टेयर कितनी लगती है तथा उनका प्रयोग हमें कब-कब करना चाहिए ?

सड़ी गोबर की खाद 100 से 150 कुंतल प्रति हेक्टेयर खेत की तैयारी के समय आख़िरी जुताई मे देनी चाहिए, इसके साथ ही 40 किलोग्राम नत्रजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस तथा 50 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर तत्व के रूप में देना चाहिए। फास्फोरस एवं पोटाश की पूरी मात्रा तथा नत्रजन की आधी मात्रा खेत की तैयारी करते समय बेसल ड्रेसिंग में तथा नत्रजन की आधी मात्रा दो भागो में टॉप ड्रेसिंग में देना चाहिएI पहली बार 25 से 30 दिन के बाद तथा दूसरे 40 से 45 दिन बुवाई के बाद खड़ी फसल में शेष आधा -आधा करके देना चाहिए।

Methi Ki Kheti का खरपतवार प्रबंधन

मेथी की फसल में निराई-गुड़ाई कब करनी चाहिए तथा खरपतवार नियंत्रण किस प्रकार से करना चाहिए ?

पहली निराई-गुड़ाई बुवाई के 25 से 30 दिन बाद तथा दूसरी पहली के 30 दिन बाद की जाती है, यदि खरपतवार अधिक उगते है, तो बुवाई के बाद 1-2 दिन के अंदर 30 प्रतिशत पेंडीमेथलीन 3.3 लीटर को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए, जिससे कि खरपतवारो का जमाव ही न हो सके।

Mathi Ki Kheti का रोग प्रबंधन

मेथी की फसल में कौन-कौन से रोग लगते है तथा उनका नियंत्रण कैसे करना चाहिए ?

मेथी में उकठा रोग, डैपिंग आफ, पाउड्री मिल्ड्यू, लीफ स्पॉट, डाउनी मिल्ड्यू तथा कभी कभी ब्लाइट बीमारी भी लगती है, रोग नियंत्रण करने हेतु बीज शोधन करने के बाद ही बुवाई करनी चाहिएI मिल्ड्यू के नियंत्रण हेतु सल्फर पाउडर 5 प्रतिशत का 15 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर के हिसाब से डस्टिंग करनी चाहिए तथा डाउनी मिल्ड्यू हेतु 1 प्रतिशत बोर्डोमिक्सचर का छिड़काव करना चाहिए। 

Methi Ki Kheti का कीट प्रबंधन

मेथी की फसल में कौन-कौन कीट लगते है तथा उनका नियंत्रण कैसे करे ?

मेथी में पत्ती का गिडार, पॉड बोरर तथा माहू कीट लगते है, इनका नियंत्रण 0.2 प्रतिशत कार्बेरिल या इकोलेक्स 0.05 प्रतिशत या मैलाथियान 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के साथ घोलकर छिड़काव करना चाहिए।

मेथी की फसल कटाई

मेथी की कटाई बीज तथा हरी सब्जी बनाने हेतु कब और कैसे करते है ?

कभी-कभी केवल बीजोत्पादन हेतु ही फसल उगाई जाती है, ऐसी दशा में पत्तियो की कटाई नहीं की जाती है या केवल एक बार ही कटाई करते है। जब फसल केवल पत्ती कटिंग के लिए उगाते है, उस दशा में 4-5 पत्ती कटिंग की जाती है, इसके बाद फसल खत्म कर देते है। बीज हेतु: फसल जब मार्च में पककर खेत में ही सूख जाती है, तभी कटाई की जाती है और कटाई के बाद मड़ाई करके बीज अलग कर लिए जाते है।

मेथी की पैदावार

मेथी के बीजोउत्पादन तथा हरी सब्जी हेतु प्रति हैक्टेयर कितनी मेथी प्राप्त होती है ?

Mathi Ki Kheti
Mathi Ki Kheti

फसल जब खाली पत्ती प्राप्त हेतु बुवाई की जाती है, तो 90 से 100 कुन्तल प्रति हैक्टेयर उपज होती है यदि फसल पत्ती और बीज दोनों के लिए उगते है, तो 2 से 3 पत्ती कटिंग से 15 से 20 कुन्तल पत्ती तथा बाद में 8- 10 कुन्तल बीज प्राप्त होता है, जब केवल बीज प्राप्त करने हेतु फसल उगाई जाती है, तो 12 से 15 कुन्तल बीजोत्पादन होता  है।
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