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फूलगोभी की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

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फूलगोभी की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

Gobhi Ki Kheti Kaise Kare - नमस्कार किसान भइओ आज की पोस्ट में हम बात करेंगे Gobhi Ki Kheti कैसे करे साथ ही बताएंगे की Gobhi Ki Fasal तैयार कैसे करे। सभी किसान जानना चाहते है की Gobhi ki fasal kaise hoti hai, लेकिन इस से पहले आप को Gobhi ki kheti ki jankari होना बहुत जरुरी है। इसी लिए आप बने रहे हमारे साथ Kheti Business पर जहाँ पर सभी जानकारी मिलने वाली है। 

Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi 

फूलगोभी की खेती पूरे वर्ष में की जाती है। इससे किसान अत्याधिक लाभ उठा सकते हैI इसको सब्जी, सूप और आचार के रूप में प्रयोग करते है। इसमे विटामिन बी प्रयाप्त मात्रा के साथ-साथ प्रोटीन भी अन्य सब्जियों के तुलना में अधिक पायी जाती है। 

Gobhi की प्रमुख प्रजातियाँ

फूलगोभी की कौन सी उन्नत शील प्रजातियाँ हैं जो बोई जाती हैं?

फूलगोभी की मौसम के आधार पर तीन प्रकार की प्रजातियाँ होती हैI जैसे की अगेती, मध्यम और पछेती प्रजातियाँ पायी जाती हैं अगेती प्रजातियाँ पूसा दिपाली,अर्ली कुवारी, अर्ली पटना, पन्त गोभी 2, पन्त गोभी 3 पूसा कार्तिक,  पूसा अर्ली सेन्थेटिक, पटना अगेती, सेलेक्सन 327 एवं सेलेक्सन 328 हैI मध्यम प्रकार की प्रजातियाँ पन्त शुभ्रा, इम्प्रूव जापानी, हिसार 114, एस-1, नरेन्द्र गोभी 1, पंजाब जॉइंट ,अर्ली स्नोबाल, पूसा हाइब्रिड 2, पूसा अगहनी, एवं पटना मध्यम, आखिरी में पछेती प्रजातियाँ स्नोबाल 16, पूसा स्नोबाल 1, पूसा स्नोबाल 2, पूसा के 1, दानिया, स्नोकिंग, पूसा सेन्थेटिक, विश्व भारती, बनारसी मागी, जॉइंट स्नोबाल।

Gobhi Ki Kheti के लिए उपयुक्त जलवायु

फूलगोभी की खेती के लिए किस प्रकार की जलवायु और भूमि की आवश्यकता होती है ?

Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi 

फूलगोभी की खेती प्रायः जुलाई से शुरू होकर अप्रैल तक होती है। इसके लिए भूमि हल्की से भारी मिट्टी तक में की जा सकती है। प्राय दोमट और बलुई दोमट भूमि अत्यधिक उत्तम होती है। 

Gobhi के खेत की तैयारी

फूलगोभी की खेती के लिए भूमि की तैयारी कैसे करें ?

Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi 

खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करते है। इसके बाद दो तीन जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से करने के बाद खेत में पाटा लगाकर समतल एवं भुरभुरा कर लेना चाहिए। खेत में पानी के निकास का उचित प्रबंध होना अतिआवश्यक है।

Gobhi की बीज बुवाई

फूल गोभी की बीजदर प्रति हैक्टर और बीज शोधन हमारे किसान भाई किस प्रकार से करें ?

इसमे 450 ग्राम से 500 ग्राम बीज प्रति हैक्टर प्रयाप्त होता है। बीज बुवाई से पहले 2 से 3 ग्राम कैप्टन या ब्रैसिकाल प्रति किलोग्राम बीज की दर से शोधित कर लेना चाहिए। इसके साथ ही साथ 160 से 175 मिली लीटर को 2.5 लीटर पानी में मिलकर प्रति पीस वर्ग मीटर के हिसाब नर्सरी में भूमि शोधन करना चाहिए। 


Gobhi की पौधशाला

गोभी के पौधे कैसे तैयार करें ?

स्वस्थ पौधे तैयार करने के लिए भूमि तैयार होने पर 0.75 मीटर चौड़ी, 5 से 10 मीटर लम्बी, 15 से 20 सेंटीमीटर ऊँची क्यारियां बना लेनी चाहिए। दो क्यारियों के बीच में 50 से 60 सेंटीमीटर चौड़ी नाली पानी देने तथा अन्य क्रियाओ करने हेतु रखनी चाहिए। पौध डालने से पहले 5 किलो ग्राम गोबर की खाद प्रति क्यारी मिला देनी चाहिए तथा 10 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश व 5 किलो यूरिया प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से क्यारियों में मिला देना चाहिए। पौध 2.5 से 5 सेन्टीमीटर दूरी की कतारों में डालना चाहिए। क्यारियों में बीज बुवाई के बाद सड़ी गोबर की खाद से बीज को ढक देना चाहिए। इसके 1 से 2 दिन बाद नालियों में पानी लगा देना चाहिए या हजारे  से पानी क्यारियों देना चाहिए।

Gobhi का प्रतिरोपण

फूलगोभी की रोपाई कब और कैसे करें ?

फसल समय के अनुसार रोपाई एवं बुवाई की जाती है। जैसे अगेती में मध्य जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक पौध डालकर पौध तैयार करके 45 सेन्टी मीटर पंक्ति से पंक्ति और 45 सेन्टी मीटर पौधे से पौधे की दूरी पर पौध डालने के 30 दिन बाद रोपाई करनी चाहिए। मध्यम फसल में अगस्त के मध्य में पौध डालना चाहिए। पौध तैयार होने के बाद पौध डालने के 30 दिन बाद 50 सेन्टी मीटर पंक्ति से पंक्ति और 50 सेन्टीमीटर पौधे से पौधे दूरी पर रोपाई करनी चाहिए। पिछेती फसल में मध्य अक्टूबर से मध्य नवम्बर तक पौध डाल देना चाहिए। 30 दिन बाद पौध तैयार होने पर रोपाई 60 सेन्टीमीटर पंक्ति से पंक्ति और 60 सेन्टीमीटर पौधे से पौधे की दूरी पर रोपाई करनी चाहिए।

Gobhi Ki Kheti का जल प्रबंधन

फूलगोभी की सिचाई कब और कैसे करें ?

पहली सिचाई पौध रोपण के तुरन्त बाद हल्की करनी चाहिए। इसके पश्चात आवश्यकतानुसार 10 से 15 दिन के अन्तराल पर सिचाई करते रहना चाहिए। 

Gobhi Ki Kheti का पोषण प्रबंधन

फूलगोभी की फसल में खाद और उर्वरको का प्रयोग कब और कैसे किया जाए ?

देखिए, किसान भाईयों फूलगोभी की अगेती फसल की अपेक्षा पिछेती फसल में खाद और उर्वरको की अधिक आवश्यकता पड़ती है। इसकी अच्छी  पैदावार प्राप्त करने के लिए 250 से 300 कुन्तल सड़ी गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद डालना आवश्यक होता है। 120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस तथा 60 किलोग्राम पोटाश तत्व के रूप में प्रयोग करना चाहिए। गोबर की खाद को खेत तैयार करते समय मिला देना चाहिए। 

Gobhi Ki Kheti का खरपतवार प्रबंधन

फूलगोभी की खेती में खरपतवार का नियंत्रण किस प्रकार से करना चाहिए ?

खरपतवार नियंत्रण के लिए 2 से 3 निराई गुड़ाई करनी चाहिएI पौध की रोपाई से पहले वासालिन 48 ई सी 1.5 किलोग्राम मात्रा प्रति हैक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करना चाहिए। 

Gobhi Ki Kheti का रोग प्रबंधन

 फूलगोभी की खेती में फसल सुरक्षा कैसे करनी चाहिए ?

फसल सुरक्षा दो प्रकार की होती है पहला रोग नियंत्रण और दूसरा कीट नियंत्रण। रोग नियंत्रण में पौध गलन या डंपिंग आफ जनक की बीमारी पीथियम नामक फफूंदी से होती है।  इससे बीज अंकुरित होते ही पौधे संक्रामित हो जाते है। इसका  नियंत्रण बीज बुवाई के पहले बीज शोधन करके बोना चाहिए। जैसे की 2.5 से 3 ग्राम थीरम या इग्रोसिन जी एन से प्रति किलोग्राम बीज को शोधन कर लेना चाहिए। दूसरा है ब्लैक राट जीवाणु काला सडन इसमे पत्तियों पर सबसे पहले अग्रेजी के वी  आकार के नमी युक्त हरे भाग बनाते है। जो की बाद में भूरे तथा बाद में काले होकर मुरझा जाते है। इसका नियंत्रण पौधे के अवशेष एकत्र करके जला देना चाहिए। इसके साथ ही साथ बीज की बुवाई बीज शोधित करके करनी चाहिएI 10% ब्लीचिंग पाउडर अथवा प्लांटोमाईसिन् ईस्ट्रैपटोसाएक्लीन 100 पी.पी.एम. 1 ग्राम दवा 10 लीटर पानी घोलकर बीज को डुबोकर बुवाई करनी चाहिए।रोगों के साथ-साथ इसमें कीट भी लगते हैंI जैसे की गिराट या सूंड़ी। यह गिराट पत्तियां कहती हैं. इसके लिए नियंत्रण 5% अलसोन या मेलथिन अथवा 10% कार्बोलाल धुल पाउडर का 20-25 किलोग्राम की दर भुरकाव या डस्टिंग प्रति हेक्टेयर की दर से करना चाहिए। 

Gobhi Ki Kheti का फसल कटाई

फूलगोभी की कटाई कब करें सही समय क्या है ?

फूलगोभी की कटाई उस समय करनी चाहिए। जब फूल उचित आकार के ठोस दिखाई देने लगे। फूलगोभी या हेड को नीचे से काटना चाहिए जिससे की ले जाने ले आने में फूल की रक्षा बनी रहे। फूलो की कटाई हमेशा सुबह या शाम करनी चाहिए। 

Gobhi की पैदावार

फूलगोभी की उपज प्रति हैक्टर कितनी मात्रा में प्राप्त कर सकते है ?

Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
Gobhi Ki Kheti Kaise Kare In Hindi 

इसकी उपज 300 से 400 कुन्तल प्रति हैक्टर फूलो का वजन बाजार में ले जाने हेतु प्राप्त होता है। 

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